आपने Dr aur Cr के बारे मे सुना जरूर होगा इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि Dr और Cr क्या होता है? और Business मे Debtors and Creditors किसे कहते हैं ? इस लेख में आपको व्यापारिक लेन-देन और उसमें होने वाले व्यवहार जैसे कि Purchase, Sales, Debtors, Creditors, Purchase Return, Sales Return, Expenses, Cost Price, Book Price, Realisable Price, Balancesheet क्या हैं एवं Business में use होने वाली Basic Accounting Glossary के बारे में बताऊंगा। एक Accountant के लिए यह बहुत मायने रखती हैं।

Business में होने वाले व्यवहार और Basic Accounting Glossary
Business में होने वाले व्यवहार वे सभी लेन-देन होते हैं जो पैसे या पैसे के बराबर मूल्य में होते हैं, जैसे माल खरीदना-बेचना, वेतन देना, किराया चुकाना आदि। इन सभी व्यवहारों को समझने और रिकॉर्ड करने के लिए कुछ मूल लेखांकन शब्दों की जरूरत होती है, जिन्हें Basic Accounting Glossary कहा जाता है, जैसे – लेनदार (Creditor), देनदार (Debtor), खर्च (Expenses), आय (Income), पूंजी (Capital), संपत्ति (Assets), दायित्व (Liabilities) आदि। ये शब्द किसी भी व्यापार को सही ढंग से समझने और उसका लेखा-जोखा रखने के लिए जरूरी होते हैं।
Accounting softwares जैसे कि Tally ERP 9, Busy etc. में काम करने हेतु यह जानकारी होना आवश्यक है कि व्यापार में Debtors, Creditors कौन हैं और माल का लागत मूल्य क्या है इसलिए इस पोस्ट में मैंने आपको इनके बारे में important जानकारी दी है
चिठ्ठा (Balancesheet) –
सारांश लेखन में अंतिम विवरण पत्र जिसका मूल उद्देश्य बिजनेसमैन की आर्थिक स्थिति का ज्ञान करवाना होता है चिठ्ठा कहलाता है। इस विवरण में दो पक्ष आते हैं। 1. दायित्व 2. संपत्ति।
लागत मूल्य (Cost Price) –
लागत से तात्पर्य माल अथवा सेवाओं को प्राप्त करने पर किए गए व्यय से है। चाहे वह Cash या किसी संपत्ति अथवा अंशों व सेवाओं के बहीगमन के रूप में हो। साधारण अर्थ में माल व वस्तुओं का क्रय मूल्य , अचल व चल संपत्ति की दशा में स्थापनो व खर्चों के योग को लागत मूल्य कहा जाता है।
पुस्तक मूल्य (Book Price) –
लेखा पुस्तकों में जिन संपत्तियों को जिस मूल्य पर दिखाया जाता है उसे संपत्ति विशेष का पुस्तक मूल्य कहा जाता है। यह लागत मूल्य, अपलिखित अथवा पुनर्स्थापना मूल्य हो जाता है।
वसूली मूल्य (Realisable Price) –
किसी भी संपत्ति को बाजार में बेचने से प्राप्त होने वाली राशि वसूली मूल्य कहलाती है यह पुस्तक मूल्य से कम अथवा अधिक हो सकती है संपत्ति के बेचने पर पुस्तक मूल्य से वसूली मूल्य कम रहने पर हानि तथा अधिक होने पर लाभ होता है।
कार्यशील पूंजी (Working Capital) –
व्यवसाय की दैनिक क्रियाओं को संपादित करने के लिए उपलब्ध तरल साधनों को कार्यशील पूंजी कहते हैं।
व्यापार में Dr और Cr क्या होता है? What is Debtors and Creditors in Business
व्यापार में Dr और Cr क्या होता है इसके बारे मे जानना बहुत जरूरी है क्योंकि ये बहुत ही अहम होता है और सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। व्यापार में देनदार (Debtor) वह व्यक्ति होता है जिससे हमें पैसे लेने हैं, यानी जिसने हमसे उधार पर सामान या सेवा ली है। वहीं, लेनदार (Creditor) वह होता है जिसे हमें पैसे देने हैं, यानी जिससे हमने उधार में सामान या सेवा ली है। अकाउंटिंग में इन्हें DR (Debit) और CR (Credit) कहा जाता है। देनदार को डेबिट किया जाता है क्योंकि वह पैसा हमें देगा, जबकि लेनदार को क्रेडिट किया जाता है क्योंकि हमें उसे भुगतान करना होता है। इस तरह देनदार और लेनदार व्यापार में उधारी लेन-देन को समझने में मदद करते हैं।
देनदार (Debtors) –
वह व्यक्ति या संस्थाएं जिन पर व्यवसाय की राशि बकाया है देनदार कहलाते हैं। जिन व्यक्तियों या संस्थाओं को उधार माल बेचा गया है उन्हें व्यापारिक देनदार कहते हैं अन्य कारणों से जिन पक्षकारों से राशि प्राप्त करनी हो उन्हें अन्य देनदार कहते हैं।
लेनदार (Creditors) –
वह व्यक्ति या संस्थाएं जिन्हें व्यवसाय से गई हुई राशि लेनी हो लेनदार कहलाते हैं। जिन व्यक्तियों या संस्थाओं से माल उधार खरीदा गया हो उन्हें व्यापारिक लेनदार कहते हैं। अन्य कारणों से जिन पक्षकारों को राशि लेनी हो अन्य लेनदार कहलाते हैं।
व्यापार में आय और व्यय क्या है? What is Income and Expenses in Business
व्यापार में आय (Income) का मतलब है वह पैसा या लाभ जो किसी व्यापार को उसके उत्पाद बेचने, सेवाएं देने या किसी अन्य तरीके से प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई दुकान वाला सामान बेचता है और उससे जो पैसा कमाता है, वही उसकी आय होती है।
व्यय (Expenses) वे खर्च होते हैं जो व्यापार को चलाने में आते हैं, जैसे – बिजली का बिल, किराया, वेतन, कच्चा माल खरीदना आदि। यानी, व्यापार को चलाने के लिए जो भी खर्च किया जाता है, वह व्यय कहलाता है।
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आय (Income) –
यह व्यवसायिक क्रियाओं के कारण सेवाएं प्रदान करने के बदले जैसे आडत दलाली, कमीशन, ब्याज अथवा संपत्ति के किराये के रूप में प्राप्त हो सकती हैं।
व्यय (Expenses) –
यह व्यापारिक क्रियाओं के दौरान प्राप्ति एवं लाभों से संबंधित लागत है। जब व्यापार शुरू किया जाता है या बाद में व्यापार के लिए होने वाला खर्चा व्यय कहलाता है। जैसे कि व्यापार के लिए भवन खरीद लेना, मशीन खरीद लेना इत्यादि।
व्यापार में क्रय, विक्रय, क्रय वापसी, विक्रय वापसी क्या हैं?
व्यापार में क्रय का अर्थ है माल या वस्तुओं को व्यापार के उद्देश्य से खरीदना, जबकि विक्रय का मतलब है उन वस्तुओं को ग्राहकों को बेचना। जब व्यापारी किसी कारणवश खरीदा गया माल वापस करता है, तो उसे क्रय वापसी कहा जाता है, और जब ग्राहक द्वारा खरीदा गया माल किसी दोष या असंतोष के कारण वापस किया जाता है, तो वह विक्रय वापसी कहलाता है। ये चारों घटक व्यापार की आमदनी, खर्च और स्टॉक की गणना में अहम भूमिका निभाते हैं।
What are purchase, sale, purchase return, sales return in business?
क्रय (Purchase) –
किसी भी वस्तु माल अथवा सेवा के बेचने के उद्देश्य से खरीद को क्रय कहा जाता है यानी किसी भी चीज को व्यापार करने के लिए खरीदना ही क्रय कहलाता है। निर्माणी व्यवसाय में कच्चे माल का क्रय करके उसके परिवर्तित रूप को बेचना होता है जबकि व्यापार में जैसा माल खरीदा जाता है वैसा ही बेच दिया जाता है।
For Example: मशीनों के विक्रेताओं के लिए मशीनों का क्रय तथा मशीन के उत्पादक के लिए कच्चा लोहा (या अन्य सामग्री जो मशीन के निर्माण में सहायक है) का क्रय करने को, क्रय कहा जाता है।
विक्रय (Sale) –
बेचने के उद्देश्य से क्रय किए गए माल की लागत में लाभ जोड़कर दूसरे पक्ष को हस्तांतरण करना ही विक्रय कहा जाता है। विक्रय नकद, उधार, देशीय, अंतर्राष्ट्रीय भी हो सकता है।
क्रय वापसी (Purchase Return) –
व्यवसायी द्वारा क्रय किए गए कुछ माल में से आंशिक भाग पूर्तिकर्ता को किन्ही कारणों से वापस लौटाना क्रय वापसी कहा जाता है। जैसे पूर्ति अधिक होने पर माल वापस कर देना, कुछ माल घटिया किस्म का होना या आदेशानुसार ना होने की वजह से माल को वापस कर देना आदि।
विक्रय वापसी (Sales Return) –
खरीददार द्वारा किन्ही कारणों से व्यवसायी यानी विक्रेता को माल वापस करना विक्रय वापसी कहलाता है। व्यवसाय से बेचे गए माल को खरीदार द्वारा किन्ही कारणों से वापस कर देना ही विक्रय वापसी है।
इस पोस्ट में आपने सीखा है की Dr और Cr क्या होते हैं? और Creditors, Debtors, Purchase, Sales, Purchase Return, Sales Return, Cost Price और बहुत सी अकाउंटिंग की व्यवहारिक जानकारी के बारे में। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करें !
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