व्यवसाय में Stock क्या है और Accounting में इसकी गणना कैसे की जाती हैं ?

व्यवसाय में Stock क्या है और स्टॉक के कितने प्रकार होते हैं और Accounting में इनकी गणना कैसे की जाती है आज हम इन्हीं के बारे में जानेंगे। लाभ हानि का पता लगाने के लिए व्यापार में जो माल मौजूद है उसकी गणना करना और उसकी लागत का पता लगाना जरूरी होता है। इससे पहले हम व्यापार में लेनदार और देनदार क्या होते हैं के बारे में लिख चुके हैं अब हम ओपनिंग स्टॉक और क्लोजिंग स्टॉक के बारे में विस्तार से समझेंगे।

व्यवसाय में Stock क्या है – गोदाम में रखा हुआ कच्चा और तैयार माल

व्यवसाय में Stock क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं ?

जब हम किसी व्यवसाय की बात करते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में आता है – माल बेचकर मुनाफा कमाना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक दुकान या कंपनी अपने पास जो सामान रखती है, उसे हम क्या कहते हैं?
जी हाँ, उसी को स्टॉक कहा जाता है।

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व्यवसाय में स्टॉक वह वस्तु या माल होता है जिसे बेचने, बनाने या किसी अन्य उत्पादन प्रक्रिया में उपयोग करने के लिए कंपनी अपने पास रखती है। यह स्टॉक कच्चा माल (raw material), अधबना माल (semi-finished goods), या पूरी तरह तैयार माल (finished goods) हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई जूते की फैक्ट्री है, तो चमड़ा, सोल, अधबने जूते और पूरी तरह तैयार जूते – ये सब उसके स्टॉक का हिस्सा होंगे।

जब व्यवसाय शुरू किया जाता है तो उसमे व्यवसायी को लागत लगाकर माल खरीदना होता है क्योंकि उसमे कोई भी ओपनिंग स्टॉक नहीं होता है परन्तु पुराने व्यवसाय में पिछले साल का माल अगले साल में जोड़ लिया जाता है जिसे ओपनिंग स्टॉक के आधार पर काउंट किया जाता है।

वयवसाय में स्टॉक क्यों जरूरी है?

स्टॉक किसी भी बिज़नेस की रीढ़ की हड्डी होता है। अगर स्टॉक नहीं होगा, तो ना ग्राहक को समय पर माल मिलेगा और ना ही कंपनी को मुनाफा। इसलिए व्यवसाय में स्टॉक का सही तरीके से प्रबंधन करना बहुत जरूरी होता है।

अकाउंटिंग में स्टॉक की गणना कैसे होती है?

लेखांकन यानी अकाउंटिंग की भाषा में, स्टॉक की गणना बड़े ही सटीक तरीके से की जाती है। इसका असर सीधे व्यापार के मुनाफे और घाटे पर पड़ता है।

स्टॉक की गणना का आसान तरीका:

  1. Opening Stock – साल की शुरुआत में जितना माल मौजूद था।
  2. Purchases – साल के दौरान जितना माल खरीदा गया।
  3. Closing Stock – साल के अंत में जितना माल बचा है।

अब नीचे दिए गए फॉर्मूले से यह पता लगा सकते हैं कि साल भर में कितना माल बेचा गया है:

फॉर्मूला :- COGS (Cost of Goods Sold) = Opening Stock + Purchases – Closing Stock

उदाहरण के लिए: अगर साल की शुरुआत में आपके पास ₹10,000 का स्टॉक था, साल में आपने ₹40,000 का माल खरीदा और अंत में ₹15,000 का माल बच गया, तो आपने ₹35,000 का माल बेच दिया।

COGS = 10000 + 40000 – 15000
COGS = 35000/-

इस गणना से यह साफ होता है कि आपने साल भर में कितनी बिक्री की और उस पर मुनाफा या नुकसान कितना हुआ।

क्लोजिंग स्टॉक की वैल्यू कैसे निकालते हैं?

क्लोजिंग स्टॉक यानी साल के अंत में जो माल बचा होता है, उसकी वैल्यू निकालने के लिए यह देखा जाता है कि उस समय उस माल की कीमत कितनी है। लेकिन अकाउंटिंग का नियम कहता है कि क्लोजिंग स्टॉक की वैल्यू हमेशा “Cost या Market Price जो उस समय कम हो” पर ली जाती है। इसका मकसद यह होता है कि भविष्य में किसी संभावित नुकसान से बचा जा सके।

लेखांकन में स्टॉक को कहाँ दिखाते हैं?

Opening Stock को ट्रेडिंग अकाउंट में डेबिट साइड में दिखाया जाता है।

Closing Stock को दो जगह दिखाते हैं:

  • ट्रेडिंग अकाउंट में क्रेडिट साइड
  • बैलेंस शीट में Current Asset के रूप में

स्टॉक (Stock, रहतिया) –

एक निश्चित समय पर व्यवसाय के पास उपलब्ध माल को स्टॉक या रहतिया के नाम से जाना जाता है। Stock की गणना दो रूपों में की जाती है।

  • प्रारंभिक स्टॉक (Opening Stock)
  • अन्तिम स्टॉक (Closing Stock)
  1. प्रारंभिक स्टॉक (Opening Stock) – व्यापारी वर्ष के पहले दिन स्टॉक की उपलब्ध मात्रा एवं उसकी लागत को Opening Stock कहा जाता है। यदि व्यवसाय पुराना हो तो पिछले वर्ष का अन्तिम स्टॉक ( Closing Stock) स्वतः ही चालू वर्ष का Opening Stock मान लिया जाता है। जबकि नए व्यवसाय में प्रारंभिक स्टॉक नहीं होता है।

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  1. अन्तिम स्टॉक ( Closing Stock) – व्यवसायिक वर्ष के अंत में व्यवसाय में उपलब्ध बिना बिका माल Closing Stock कहलाता है। इसका मूल्यांकन सदैव “लागत मूल्य या बाजार मूल्य दोनों में से जो भी कम हो” के सिद्धांत पर किया जाता है।
    बहुत सी व्यापारिक संस्थाएं ऐसी होती हैं जिनमें वस्तुओं का निर्माण किया जाता है उनमें कच्चे माल का उपयोग किया जाता है। चलिए जानते हैं कि एक निर्माणी संस्था में सामग्री का स्टॉक कितने प्रकार से होता है।

वस्तुओं का निर्माण करने वाले व्यवसाय में स्टॉक के प्रकार

  • कच्ची सामग्री का स्टॉक (Stock of Raw Materials)
  • अर्धनिर्मित माल का स्टॉक (Stock of Work in Progress)
  • निर्मित माल (Stock of Finish Goods)

कच्ची सामग्री का स्टॉक (Stock of Raw Materials) –

लेखा वर्ष के अंत में गोदाम में शेष बचा कच्चा माल जो उत्पादन हेतु उत्पादन विभाग को निर्गमित नहीं किया गया है उसको हम stock of raw material कहेंगे।

अर्धनिर्मित माल का स्टॉक (Stock of Work in Progress) –

एक निर्माणी संस्था में माल का निर्माण विभिन्न प्रक्रियाओं से संपादित किया जाता है। निर्माण करने की प्रक्रिया की शुरुआत कच्चे माल से होती है और समाप्ति निर्मित माल से होती है। अब ऐसा निर्माण जो बीच में ही रोक दिया गया हो यानी शेष बचा हुआ माल जो ना तो कच्चा माल हो और ना ही निर्मित माल हो उसे हम अर्धनिर्मित माल के नाम से जानते हैं।

निर्मित माल (Stock of Finish Goods) –

ऐसा माल जिसका निर्माण पूरा हो गया हो और उसको बेचने के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया गया हो लेकिन वर्ष के अंत तक उसको बेचा ना गया हो और वह गोदाम में मौजूद हो उसको हम निर्मित माल का स्टॉक (Stock of Finish Goods) कहेंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

व्यवसाय में स्टॉक क्या है – यह समझना हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो व्यापार से जुड़ा है या अकाउंटिंग सीख रहा है। स्टॉक ना सिर्फ व्यापार की संपत्ति होता है, बल्कि इससे मुनाफा और वित्तीय स्थिति का भी सीधा संबंध होता है। अगर स्टॉक का सही तरीके से मूल्यांकन और प्रबंधन किया जाए, तो व्यापार को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। अगर किसी चीज के बारे मे आपको confusion है तो आप हमसे हमारे सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर मैसेज करके पूछ सकत हैं।

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